abhiwrites

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अनकहे अल्फाज –२

एक रोज़ अग़र मैं, ये ख़ता कर दूं।

आंखे बंद कर तेरी तस्वीर तुझे बयां कर दूं।
तुमसे हर सुबह हर शाम रहे!
तू बस रहने आ मेरे गेह में,मैं हर कोना नया कर दूँ!
इश्क़ वाले जानते हैं दर्द इश्क़ का।
तू बाहों में रहे मेरे,बेशक़ इस रात को थोड़ा और घना कर दूँ।
तेरी हसरतों का तो पता नहीं।
मेरा बस चले तो हम दोनों का एक पता कर दूँ।

❤️
#Abhiwrites ❣

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5 Comments

Sachin dev

24-Dec-2022 06:14 PM

बेहतरीन प्रस्तुति

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Renu

24-Dec-2022 01:54 PM

👌👌💐

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